शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

MCB,MCCB,RCCB,ACB MAIN KYA DIFFERENCE HAI

MCB, MCCB, RCCB, और ACB में क्या अंतर है 



आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे की mcb,mccb, acb,और rccb में क्या अंतर होता है, हम जानेंगे की इन सर्किट ब्रेकर के आपस में क्या अंतर है और इनकी क्या खूबियां है और यह किस तरह से काम करती हैं जो इन्हें एक दुसरे से अलग करता है, 

         MCB-  मिनिएचर सर्किट ब्रेकर 

                      

             
 * mcb का फुल फॉर्म तो आप ने उपर देख ही लिया है तो अब बात करते हैं इसके और दुसरे स्पेसिफिकेशन के बारे में 
* mcb की कैपेसिटी 100 एम्पिअर तक की होती है यानी की 100 एम्पिअर से ज्यादा की mcb नहीं आती है 
* mcb के ट्रिप करने की क्रियाविधि को एडजस्ट नहीं कर सकते 
* mcb को 100 एम्पिअर से कम लोड के लिए सबसे अच्छा सर्किट ब्रेकर माना जाता है 
* mcb थर्मल या थर्मल मैग्नेटिक ओपरेसन पे काम करती है 
परिपथ विच्छेदक या 'परिपथ वियोजक' (सर्किट ब्रेकर / 
circuit breaker) स्वतःचालित वैद्युत स्विच है जो दोष (फाल्ट) आदि की दशा में कार्य करता है जिससे दोषी भाग स्वस्थ भाग से अलग कर दिया जाता है और दूसरे उपकरण खराब होने से बच जाते हैं। इसका मूल काम दोषपूर्ण स्थिति की पहचान करके दोषी भाग को जाने वाली विद्युत शक्ति को शीघ्रातिशीघ्र काट देना है। फ्यूज से यह इस मामले में अलग है कि इसे रिसेट करके पुनः विद्युत प्रदाय चालू किया जा सकता है।

परिपथ विच्छेदक भिन्न-भिन्न आकार, क्षमता, एवं प्रकार के होते हैं।

नम्बर: 2. MCCB- मोल्डेड केस सर्किट ब्रेकर 


* MCCB एक हज़ार (1000) एम्पिअर तक की आती है 
* MCCB के ट्रिप करने की क्रिया को एडजस्ट कर सकते हैं 
* MCCB भी mcb की तरह ही थर्मल ता थर्मल मैग्नेटिक ओप्रेसन पे काम करता है 


नंबर : 3. RCCB or RCD- रेसिडूअल करेंट सर्किट ब्रेकर या रेसिडूअल करेंट डिवाइस

* RCCB में फेज और न्यूट्रल दोनों के कनेक्शन किये जाते हैं 
* RCCB तब ट्रिप होती है जब कही पर एअर्थ की फाल्ट होती है 
* RCCB में आउट पुट से जो फेज लाइन निकलती है उसे वापस उसी के न्यूट्रल में आना चाहिए 
* RCCB किसी भी तरह के फाल्ट को तुरंत भाप लेती है और 30 मिली सेकंड के अन्दर ही ट्रिप हो जाती है 
अवशिष्ट धारा युक्ति (residual-current device (RCD)) वैद्युत सुरक्षा से सम्बन्धित युक्ति है जो परिपथ को उस समय काट देती है जब इसको पता चलता है कि इसमें से होकर जाने वाले सभी चालक तारों की कुल धारा लगभग शून्य नहीं है। इसको अवशिष्ट-धारा परिपथ विच्छेदक (residual-current circuit breaker (RCCB) भी कहते हैं।

प्रायः स्वस्थ अवस्था में किसी परिपथ में जाने वाली धारा और वापस आने वाली धारा लगभग बराबर होती हैं। किन्तु कहीं कोई दोष (fault) होने या किसी मानव द्वारा किसी तार को छू देने पर यह दशा नहीं रह पाती, जिसे यह युक्ति पहचान कर परिपथ को तोड़ देती है।

अवशिष्ट धारा युक्तियाँ इस प्रकार डिजाइन की जाती हैं कि वे शीघ्रातिशीघ्र परिपथ को तोड़ दें ताकि किसी को वैद्युत धक्का (शॉक) लगने की दशा में इतनी जल्दी परिपथ विच्छेदित हो जाय कि सम्बन्धित व्यकि को कम से कम चोट आए। ये युक्तियाँ अति-धारा (ओवर-करेंट) अथवा शॉर्ट-सर्किट के विरुद्ध काम करने के लिए नहीं बनी होतीं।

नंबर: 4. ACB एयर सर्किट ब्रेकर                                
* ACB दस हज़ार(10000) एम्पिअर तक की आती है 
* ACB के ट्रिप करने की क्रिया को पूरी तरह से एडजस्ट कर सकते हैं और साथ ही साथ ही साथ इसके ट्रिपिंग कि सीमा और इनमे लगे रिले को भी कॉन्फ़िगर कर सकते हैं 
* ACB आम तौर पर ये इलेक्ट्रानिकली कंट्रोल्ड होती है और कुछ मोडल माइक्रो प्रोसेसर कंट्रोल्ड भी होती है 
* ACB का इस्तमाल बड़े बड़े इंडस्ट्रीयल प्लांट में मेन पॉवर को डिस्ट्रीब्युट करने के लिए किया जाता है 

परिपथ विच्छेदक या 'परिपथ वियोजक' (सर्किट ब्रेकर / circuit breaker) स्वतःचालित वैद्युत स्विच है जो दोष (फाल्ट) आदि की दशा में कार्य करता है जिससे दोषी भाग स्वस्थ भाग से अलग कर दिया जाता है और दूसरे उपकरण खराब होने से बच जाते हैं। इसका मूल काम दोषपूर्ण स्थिति की पहचान करके दोषी भाग को जाने वाली विद्युत शक्ति को शीघ्रातिशीघ्र काट देना है। फ्यूज से यह इस मामले में अलग है कि इसे रिसेट करके पुनः विद्युत प्रदाय चालू किया जा सकता है।

परिपथ विच्छेदक भिन्न-भिन्न आकार, क्षमता, एवं प्रकार के होते हैं।

प्रकार संपादित करें
परिपथ विच्छेदकों के वर्गीकरण के कई आधार हो सकते हैं-जैसे उनकी वोल्टता श्रेणी, संरचना का प्रकार, विच्छेद करने की विधि आदि।

# अल्प वोल्टता परिपथ विच्छेदक (1000 वोल्ट एसी से कम वोल्टता पर काम करने वाले)
मिनिएचर सर्किट ब्रेकर (एमसीबी)
मोल्डेड केस सर्किट ब्रेकर (एमसीसीबी)
अल्प वोल्टता शक्ति परिपथ विच्छेदक
# चुम्बकीय परिपथ विच्छेदक - इनमें परिपथ को विच्छेदित करने वाला बल चुम्बकीय बल होता है जो धारा के ताक्ष्णिक मान पर निर्भर करता है।
#  ऊष्मीय परिपथ विच्छेदक - प्रायः ये वितरण बोर्डों में लगाये जाते हैं। उष्मीय के साथ विद्युत-चुम्बकीय बल का भी इसमें प्रयोग किया जाता है। ऊष्मीय परिपथ विच्छेदक की वैशिष्ट्य 'व्युत्क्रम-समय' (इन्वर्स टाइम) होती है, अर्थात् कम धारा बहने पर अधिक समय में और अधिक धारा बहने पर कम से में काम करते हैं।
# सर्वनिष्ट ट्रिप विच्छेदक Common trip breakers - इनकी विशेषता यह होती है कि सभी पोल एक साथ ब्रेक होते हैं, चाहे अति-धार केवल एक ही तार में क्यों न हो।
# मध्यम वोल्टता परिपथ विच्छेदक (Medium-voltage circuit breakers) - 1 किलोवोल्ट से 72 किलोवोल्ट तक
निर्वात परिपथ विच्छेदक
वायु परिपथ विच्छेदक
SF6 परिपथ विच्छेदक
#  उच्च वोल्टता परिपथ विच्छेदक (High-voltage circuit breakers) - 72 किलोवोल्ट से अधिक वोल्टता पर काम करने वाले
बल्क आयल (Bulk oil)
अल्पतम तैल (Minimum oil)
वायु झोंका (Air blast)
निर्वात (Vacuum)
SF6
CO2 परिपथ विच्छेदक
# सल्फल हेक्साफ्लोराइड परिपथ विच्छेदक (Sulfur hexafluoride (SF6) high-voltage circuit-breakers)
# डिसकनेक्टिंग परिपथ विच्छेदक (Disconnecting circuit breaker (DCB)) - ये 2000 में अस्तित्व में आये।

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