मल्टीमीटर एक ऐसा उपकरण है जो कई भौतिक राशियों (प्रायः धारा, वोल्टता, प्रतिरोध, निरन्तरता (continuity) आदि को मां मापने में काम आता है। मल्टीमीटर को Volt-Ohm Meter के नाम से भी जाना जाता है और इस डिवाइस का इस्तेमाल वोल्टेज करंट और रेजिस्टेंस मापने के लिए किया जाता है. मल्टीमीटर आपको दो प्रकार के देखने को मिलेंगे एनालॉग और डिजिटल मल्टीमीटर. किसी भी सर्किट में कोई भी कॉन्पोनेंट का करंट वोल्टेज और रजिस्टेंस मापने के लिए यह डिवाइस बहुत फायदेमंद है. और इस छोटी-सी डिवाइस की मदद से हम कहीं पर भी किसी भी सर्किट में वोल्टेज करंट और रेजिस्टेंस का पता लगा सकते हैं.
अगर आप इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित सर्किट बनाना चाहते हैं तो आपको मल्टीमीटर का इस्तेमाल करना आना चाहिए तभी आप किसी सर्किट के बारे में किसी भी कॉन्पोनेंट के बारे में उसकी वैल्यू का पता कर सकते हैं.पहले एनालॉग(analogue)मल्टीमीटर प्रचलन में आये किन्तु एलेक्ट्रानिक्स के विकास के साथ आजकल डिजिटल मल्टीमीटर (digital) (डी एम एम) भी खूब प्रचलन में आ गये हैं। एनालॉग मल्टीमीटर मेंं सबसे बड़ी कमी यह थी कि इसमेंंंंंं एक मूवी पार्ट होता है जिससे रीडिंग का पता चलता है. लेकिन यह किसी भी कंपोनेंट या वोल्टेज करंट की वैल्यू को एकदम फिक्स नहीं बता सकता था इसीलिए इसकी जगह अब डिजिटल मल्टीमीटर ने ले ली है जिसके अंदर आप को एक डिस्प्ले देखने को मिलेगी और यह आपको बिल्कुल सही वैल्यू बताता है. क्योंकि इसके अंदर आपको वोल्टेज करंट या रजिस्टेंस की वैल्यू दशमलव( point)में भी दिखती है जिससे आपको किसी भी सर्किट के करंट वोल्टेज और रजिस्टेंस का पता बिल्कुल सही लगता है. तथा कार्य में उच्च गुणवत्ता मिलती हैऔर आजकल ऐसे भी मल्टीमीटर आए हैं जिससे कि आप ट्रांजिस्टर की वैल्यू का भी पता लगा सकते हैं.
हालांकि वर्तमान में डिवाइस के उपयोग से स्वय की गलती से कभी कभी डिवाइस को नुकसान हो सकता है. यह डिवाइस बैटरी द्वारा संचालित होता है.
मल्टीमीटर का प्रारंभिक उपयोग
1820 में ग गैल्वेनोमीटर ,(Galvanometer) नाम की बिजली मापने का यंत्र ,(Current-Detecting )डिवाइस बनाई गई थी. इस डिवाइस में वाटसन बीज (Wheatstone Bridge) के द्वारा रजिस्टेंस और वोल्टेज को मापा जाता था. लेकिन इस डिवाइस का साइज बड़ा और यह बहुत धीरे काम करने वाली डिवाइस थी. जिससे कि वोल्टेज और रजिस्टेंस की वैल्यू का पता ठीक से नहीं लगता था.
मल्टीमीटर 1920 के दशक के आरम्भ में प्रचलन में आये। यह वह समय था जब समय रेडियो एवं निवात नलिकाओं (vacuum tube )पर आधारित अन्य युक्तियाँ काफी चलन में आ गयीं थीं। इनके मरम्मत के लिये इनका प्रयोग होने लगा।
मल्टीमीटर बनाने का श्रेय है ब्रिटिश पोस्ट ऑफिस इंजीनियर डोनाल्ड मेकडी (Donald Macadie) को दिया जाता है. डोनाल्ड मेकडी ( Donaid Macadie) ने जिस मीटर का आविष्कार किया था वह वोल्टेज करंट और रेजिस्टेंस माप सकती थी और उसका नाम ऐवोमीटर (Avometer) रखा गया.
एवोमीटर
सावधानियां safety
# आप वोल्टेज मापते समय ध्यान रखें अगर AC वोल्ट माप रहे हैं तो सिलेक्टर स्विच AC पर ही रहे उसकी अधिकतम वोल्ट पर ही सेट रखें अगर आप DC वोल्ट माप रहे हैं तो भी उसकी अधिकतम वोल्ट DC पर हि सेट रखें।
# Ac 230 मापने के लीए सलेक्टर स्विच को Ac 230से ज्यादा पर सेट करे जेसे चित्र में दर्शाया गया है
# अगर आपको DC 12 वोल्ट चेक करना है तो आपको DC 12 वोल्ट से अधिक पर सिलेक्टर स्विच को सेट करना होगा जैसा चित्र में दर्शाया गया है
# वोल्टेज चेक करते समय यह खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए कि सिलेक्टेड स्वीट्स वोल्टेज पर ही सेट हो नहीं तो मल्टीमीटर शॉट हो सकता है दिखाईओर यह आपको भारी नुकसान भी पहुंचा सकता है
मल्टीमीटर कितने प्रकार के होते हैं
मल्टीमीटर क्या है ओर कितने प्रकार के होते हैं की बात करेंगे. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें मल्टीमीटर सामान्यता दो प्रकार के होते हैं. जिनमें की एनालॉग मल्टीमीटर और डिजिटल मल्टीमीटर आते हैं. इनके अंतर्गत ही अन्य मल्टीमीटर का विकास हुआ है. तो आइए इन दोनों प्रकारों के बारे में जानते हैं.
- एनालॉग मल्टीमीटर
- डिजिटल मल्टीमीटर
# एनालॉग मल्टीमीटर क्या है Analog Multimeter
एनालॉग मल्टीमीटर द्वारा किए गए विशिष्ट मापों में डीसी वोल्टेज, एसी वोल्टेज, डीसी करंट, एसी करंट, एसी धाराओं के लिए आवृत्ति रेंज और डेसीबल माप शामिल हैं. वर्तमान को मापने वाले एनालॉग मल्टीमीटर में एक मौजूदा क्लैंप हो सकता है. जो एक जांच के रूप में अंतर्निहित या कॉन्फ़िगर किया गया हो. एक वर्तमान क्लैंप एक सेंसर है जो तार के चारों ओर दब जाता है.
एनालॉग मल्टीमीटर की खोज करते समय यह विचार करना महत्वपूर्ण है कि जो भी मान मापा जा रहा है. उसके लिए माप सीमा, एक एनालॉग मल्टीमीटर, एक डायल के माध्यम से इन मूल्यों को प्रदर्शित करता है. आमतौर पर एक चलती सूचक या सुई एनालॉग मल्टीमीटर आमतौर पर बेंच टॉप या हैंड हेल्ड होते हैं. बेंच टॉप मॉडल हैंडल और व्हील्स के इस्तेमाल से भी पोर्टेबल हो सकते हैं. हाथ से पकड़े गए मल्टीमीटर को विशेष रूप से डिजाइन करते समय इस्तेमाल किया जाता है यानी, एक हाथ से संचालित किया जा सकता है.
तापमान मुआवजा उपकरणों में प्रोग्रामिंग या इलेक्ट्रिकल उपकरण होते हैं. जिन्हें तापमान में बदलाव के कारण ज्ञात त्रुटियों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. एक स्पष्ट पैमाने पर लंबन त्रुटियों से बचने के लिए ऑपरेटर को सक्षम करके किसी दिए गए सटीकता के लिए उपकरण को पढ़ना आसान बनाता है.
मापी जाने वाली इकाइयों की उचित सीमा का चयन करने के लिए एक रेंज स्विच का उपयोग किया जाता है. डायोड टेस्ट के साथ एक डिवाइस में डायोड ऑपरेशन के परीक्षण के तरीके हैं. बैटरी परीक्षण वाले डिवाइस में बैटरी ऑपरेशन के परीक्षण के तरीके हैं.
# डिजिटल मल्टीमीटर को कैसे काम में लें
मूल रूप से एनालॉग मल्टीमीटर का उपयोग किया गया था. लेकिन ये केवल इन दिनों शायद ही कभी उपयोग किए जाते हैं. क्योंकि डिजिटल तकनीक ने डिजिटल मल्टीमीटर को सस्ता बना दिया है. वर्तमान, वोल्टेज और प्रतिरोध को मापने से परे कई और अधिक क्षमता प्रदान करने में सक्षम है.
डिजिटल मल्टीमीटर एक विद्युत सर्किट के भीतर विभिन्न मापदंडों को माप सकते हैं. बुनियादी डिजिटल मल्टीमीटर एम्प्स, वोल्ट और ओम को माप सकते हैं. जैसा कि पुराने एनालॉग मीटर ने किया था. लेकिन एक एकीकृत सर्किट में आगे की कार्यक्षमता को शामिल करने में आसानी के साथ, कई डिजिटल मल्टीमीटर कई अन्य माप भी करने में सक्षम हैं. उनमें से कई में आवृत्ति, निरंतरता, समाई, तापमान और अक्सर कई अन्य माप जैसे कार्य शामिल हैं.
मल्टीमीटर की मदद से DC वोल्ट कैसे चेक करें
DC वोल्टेज को मापने के लिए आपको मल्टीमीटर के सिलेक्टर स्विच को DC वोल्टेज पर सेट करना होगा। इस मल्टीमीटर की मदद से आप DC 2वोल्ट लेकर DC 600 वोल्ट तक डीसी सप्लाई माप सकते हैं.लेकिन डीसी सप्लाई को मापने से पहले आपको कॉन्पोनेंट की वैल्यू का अंदाजा होना चाहिए. जैसे कि अगर आप घर कि ईनवटर की बैटरी की सप्लाई को मापना चाहते हैं तो आपको मल्टीमीटर में कम से कम DC 20तक Range सेलेक्ट करनी होगी. अगर आपने ज्यादा बड़ी रेंज सिलेक्ट कर दी तो आपको बैटरी की वोल्टेज बिल्कुल सही पता नहीं चलेगी और अगर आपने बिल्कुल कम कर दी तो आपके मल्टीमीटर में फॉल्ट हो सकता है.
मल्टिमिटर से AC वोल्ट केसे चेक करे
मल्टिमीटर में AC वोल्ट चेक करने के लीए सिर्फ दो ही ओपस्न मिलेंगे AC 200 वोल्ट AC 600 वोल्ट . तो अगर आप अपने घरों में आने वाली सप्लाई को मापना चाहते हैं तो इसमें आपको AC 600 वोल्ट सिलेक्ट करना होगा तभी आप अपने घर में आने वाली सप्लाई को माप सकते हैं. क्योंकी घरों में 230वोल्ट आते है सप्लाई की तरह ऐसी सप्लाई को मापने के लिए आपको किसी तरह के टर्मिनल को देखने की जरूरत नहीं होती आप कोई भी टेस्टीलीड किसी भी टर्मिनल के साथ में जोड़ सकते हैं .अगर आपको दो फेस टु फेस भी वोल्ट चेक करना हो तो भी आपको AC 600 वोल्ट पर ही सलेक्टर स्वीच रखना होगा
कन्टिन्यूटि Continuity
मल्टीमीटर का इस्तेमाल हम किसी भी सर्किट की कंटीन्यूटी चेक करने के लिए भी करते हैं. अगर आपको यह पता करना है कि किसी सर्किट में कोई तार कट तो नहीं गया है. इसके लिए आप मल्टीमीटर को कंटीन्यूटी के ऊपर सेट करें. और जैसे वोल्टेज मापते हैं वैसे ही तार के दोनों सिरों पर टेस्टिगलीड लगाकर आप तार की कंटीन्यूटी को चेक कर सकते हैं.
रजिस्टर Resistor
मल्टीमीटर से किसी भी रजिस्टर या प्रतिरोधक की वैल्यू को पता करना बहुत ही आसान है इसके लिए आपको वहां पर रेंज दी गई है . आपको जैसे वोल्टेज मापते हैं. वैसे ही रजिस्टर को मापना है. इसके लिए सबसे पहले आपको मल्टीमीटर को रजिस्टर की रेंज को सेलेक्ट करना है और रजिस्टर के दोनों सिरों पर मल्टीमीटर की टेस्टिगलीड जोड़ देनी है. और मल्टीमीटर पर आपको रजिस्टर की वैल्यू दिखने लग जाएगी.
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