हेलो दोस्तो में हूं आपका दोस्त में आज आपको घरेलू वायरीग में काम आने वाली छोटी छोटी मगर जरूरी बातें बताने जा राहा हू
जीससे आप अपने घर,ओफिस या दुकान कि वायरीग करवाते समय कई अनचाही परेशानियों से बच सकते हैं आज के समय में लगभग सभी घरों में इलेक्ट्रिक उपकरणों के इस्तेमाल काफी मात्रा में किए जाते है जैसे टीवी ,फ्रिज ,वाशिंग मशीन ,कूलर ,एसी ओवन, सीलिंग फैन ,ट्यूब लाइट, एलईडी बल्ब ,टेबल लैंप ,आटा पीसने की चक्की ,पानी का पंप, गीजर चार्जिंग के लिए पॉइंट आदि इन उपकरणों को power supply देने के लिए आपने भी बिजली का कनेक्शन जरूर ले रखा होगा। यदि आपने भी अपने घर में बिजली कनेक्शन लिया होगा तो आपने अपने घर की वायरिंग जरूर करवाई होगी। यदि आपने अभी तक अपने घर की वायरिंग नहीं करवाई है तो हो सकता है कि आप इसके लिए सोच रहे होंगे।
घर की वायरिंग कैसे करें ?वायरिंग के बारे में बताने से पहले इस पोस्ट में आज हम आपको घर की वायरिंग आज हम घर में होने वाली वायरिंग में कुछ ऐसी छोटी-छोटी कमियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अधिकांश लोग करते हैं। आज हम आपको वायरिंग करते समय ध्यान रखने वाली सामान्य बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे ध्यान में रखकर आप अपने घर ,दूकान या ओफिस कि वायरिंग को ज्यादा बेहतर और सुरक्षित बना सकते हैं
सर्वप्रथम किसी अच्छे इंजीनियर से नक्शा बनवाएं
जब आप यह निश्चय कर ले कि आप घर या ऑफिस बनवाना हो तो आपको कौन सी जगह कौन सा चाहिए गा जैसे आपके घर में दो कमरे हैं तो घर के कौन से कमरे में एसी का पॉइंट रहेगा कौन सी जगह पर रहेगा कौन सी जगह पर फ्रिज का पॉइंट रहेगा कौन सी जगह पर चक्की का पॉइंट रहेगाआप जब भी हाउस वायरिंग शुरू करें तो इसे शुरू करने से पहले इस बात का अच्छी तरह से फैसला कर लें कि आपके घर में किस जगह पर कौन-से मटेरियल का इस्तेमाल करना आसान और ज्यादा सुरक्षित होगा। मान लीजिये कि आपका एक ही रूम है और वो छोटा है तो आप अपने घर के गेट पर स्विच बोर्ड ही तो को फिट नहीं कर देंगे न?
इसलिए वायरिंग करवाते समय पहले ही ये निश्चित कर लें कि कहाँ पर बिजली मीटर लगवाना है, कहाँ पर बोर्ड फिटिंग किया जाना है और बोर्ड में कौन-कौन से मेटेरियल कितनी संख्या में लगाना है? दूसरी बात ये कि वायर को एक जगह से दूसरे जगह तक बिछाने के लिए किस रूट का उपयोग करें? मतलब कि कहाँ से और किस तरह से तार को बिछाएं ताकि कम-से-कम तार की खपत भी हो और वायरिंग भी देखने में अच्छा लगे।
इसी तरह से इस बात का भी फैसला करें कि घर में किस जगह पर बोर्ड को फिट किया जाये ताकि आपको सहूलियत हो। स्विच बोर्ड को आप घर में ऐसी जगह पर लगायें जहाँ पर आपातकालीन स्थिति में आप तुरंत पहुच सकें। यहाँ नक्शा बनाने का तात्पर्य ये है कि आप अपने मन में अच्छी तरह से वायरिंग का नक्शा बना लें तथा उसे किसी पेपर पर सूचीबद्ध कर ले ताकि बाद में आपको ज्यादा परेशान न होना पड़े। या आपसे जल्दबाजी में कुछ छूट न जाए
वायरीग करते समय ध्यान रखा जाए कि जितना जॉइंट को कम से कम रखें उतना बढ़िया है वायरिंग के दौरान यदि एक बंडल का wire बीच में ही ख़त्म हो जाता है या फिर किसी भी कारणवश जब वायर के बीच में आपस में जोड़ना होता है तब तार को छीलकर उसे आपस में लपेट दिया जाता है और फिर उसके बाद उस तार के ऊपर टेप को अच्छे से लपेट दिया जाता है। लेकिन बहुत सारे लोग tape का सही से इस्तेमाल करना नहीं जानते हैं और गलत तरीके से उसका इस्तेमाल कर देते हैं।बहुत सारे लोग wire को आपस में लपेटने के समय ही ढीलापन छोड़ देते हैं जिस वजह से वहां से दोनों तारों के बीच का जॉइंट गर्म होने लगता है इस वजह से कभी-कभी आग लगने की भी स्थिति बन जाती है। इसलिए पूरी कोशिश करें कि वायरिंग में टेप का इस्तेमाल कम-से-कम करना पड़े और जहाँ भी उसका इस्तेमाल हो तो बहुत ही मजबूती से हो और किसी भी तरह का कोई ढीलापन न हो।पीवीसी टेप भी उच्च क्वालिटी का इस्तेमाल करें
वायरिंग करवाते समय MCBका प्रयोग जरूर करें
अकसर हमारे साथ आपातकालीन घटना घटते रहते हैं। पता नहीं कब क्या हो जाए, इस बात की कोई गारंटी नहीं है। ऐसे कई मौके आते हैं जब wiring की कमजोरी या फिर हमारे ही छोटी सी गलतियों के वजह से हमें बिजली के झटके लग सकते हैं और हम प्रवाहित बिजली में चिपके रह सकते हैं। तो ऐसे आपातकालीन स्थितियों के लिए आप पहले से ही अपने घर के हरेक कमरे की wiring में एक ऑटोमेटिक सर्किट ब्रेकर जरूर लगवा लें।
इससे आपको फायदा ये होगा कि जब भी कभी ऐसे आपातकालीन समय आयेंगे तब ये ब्रेकर ज्यादा current प्रवाहित होने के वजह से खुद ही स्टार्ट हो जायेंगे और फिर वायरिंग का circuit ब्रेक हो जायेगा जिससे कि करंट का प्रवाहित होना रूक जायेगा और और घर की वायरिंग और मशीनरी को कम नुकसान होगा
घटिया क्वालिटी के सामानों से बचें उच्च क्वालिटी मटेरियल का उपयोग करना
इलेक्ट्रिकल वायरिंग बार-बार नहीं किये जाते हैं। इसलिए जब भी वायरिंग करें तो वो ऐसा होना चाहिए कि future में उससे आपको किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न आये। हालांकि, वायरिंग में प्रयोग होने वाले सारे materials बहुत ही महंगे होते हैं और 2 छोटे से घर की वायरिंग करवाने में भी हजारों रूपये खर्च हो सकते हैं। इसलिए अधिकांश लोग थोड़े से रूपये बचाने के चक्कर में सस्ता सामान खरीद लेते हैं जो कि समय से पहले ही खराब होने लगते हैं। या शॉर्ट सर्किट होने लगता है
सस्ते सामानों में अक्सर टूट-फूट की समस्या आ जाती है जिस वजह से घर का wiring असुरक्षित हो जाती है और इसमें बाहरी नुकसान का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जब भी वायरिंग करवाएं तो इस बात का ख़ास ख्याल रखें कि उसमें इस्तेमाल किये जाने वाले सभी सामान किसी उच्च क्वालिटी अच्छी कंपनी के हों और मजबूत हों। हमारे यहाँ आमतौर पर Anchor और Havells के मटेरियल के उपयोग किये जाते हैं जो कि बेहद ही मजबूत और टिकाऊ माने जाते हैं और इनकी Life भी बेहतर होते हैं।
घटिया व सस्ता वायर का इस्तेमाल करना
हमारे घरों की Wiring में चारों तरफ से जमकर पैसे खर्च हो जाते हैं। लेकिन सबसे ज्यादा खर्च wiring के लिए wires पर ही हो जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बाकी सभी components तो कहीं-कहीं पर ही इस्तेमाल होते हैं लेकिन wire के इस्तेमाल सभी जगह पर किये जाते हैं। साथ ही wire में महंगे धातु के इस्तेमाल भी किये जाते हैं जिस वजह से ये महंगे होते हैं। कहने का तात्पर्य ये है कि आपका घर जितना बड़ा होगा और आप जितने ज्यादा दूरी में कोई उपकरण इस्तेमाल करेंगे उतने ही ज्यादा लम्बाई के वायर की आपको जरूरत पड़ेगी।
दूसरी वजह ये है कि इतने लम्बे पूरे वायर में Copper (कॉपर) जैसी महंगी धातु के इस्तेमाल किये जाते हैं जिस वजह से ये बहुत ही महंगे हो जाते हैं और प्रति मीटर अच्छे क्वालिटी के copper के वायर की कीमत करीब 20 रूपये से भी ज्यादा पड़ जाते हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि पैसे बचाने के लिए कोई भी घटिया क्वालिटी के तार का इस्तेमाल wiring में कर दिया जाए। यदि पहली बार में आप गलत वायर से वायरिंग करते हैं तो बाद में कोई भी दिक्कत आने पर लम्बा-चौड़ा खर्च लग सकता है। इसलिए पहली बार में ही अच्छे तार से wiring करें ताकि आगे चलकर उससे आपको कोई परेशानी न आये।
हमेशा वायरिंग में कॉपर वायर ही काम में ले
जब भी आप wiring करें तो सिर्फ-और-सिर्फ copper यानि कि ताम्बे के तार का ही इस्तेमाल करें। हालांकि ये एल्युमीनियम के तार की अपेक्षा 2-3 गुना तक महंगा हो सकता है लेकिन यकीन मानिए ये आपके लिए बहुत ही अच्छा विकल्प है। एल्युमीनियम के तार कॉपर के अपेक्षा कमजोर और ज्यादा लचीला होता है और 3-4 बार गाँठ पड़ने से टूट भी जाता है लेकिन कॉपर का तार इतना कमजोर नहीं होता है।
ज्यादा समय हो जाने के बाद aluminium के वायर के छोर पर गंदगी जमा हो जाते हैं जिस वजह से वो सही से काम करना बंद कर देता है। लेकिन वहीँ यदि बात करें कॉपर के wire की तो इसमें ऐसा कोई बात नहीं है। कॉपर के तार बहुत लम्बे समय तक सुरक्षित रहते हैं और हमेशा ही सही से काम करते हैं।
Wiring में भू-तार का connection करवाना चाहिए
बहुत सारे उपकरण ऐसे होते हैं जिसके अंदर कोई दिक्कत होने पर उनकी बॉडी में करंट आने लगता है जैसे कूलर फ्रिज वॉशिंग मशीन गीजर इसी करंट के झटके से बचने के लिए भूतार का इस्तेमाल किया जाता है भूत आज के लिए कनेक्शन जरूर करवाना चाहिए तथा अर्थिंग पित का निर्माण अपने सामने करवाना चाहिए
बिजली बोर्ड में एक ही 5-pin या 2-pin socket लगवाना
पहले हमारे इलेक्ट्रिक जरूरत बहुत ही कम हुआ करते थे। लेकिन अब हमारे जरूरत असीमित हो गए हैं। हमलोग टीवी तो रूम में देखते ही हैं लेकिन साथ-ही-साथ इससे भी ज्यादा उपकरणों का इस्तेमाल एक साथ करते हैं। तो ऐसे में यदि आपके बिजली बोर्ड में इन सभी के plug को लगाने के लिए उचित संख्या में सॉकेट न हों तो इसके लिए आपको अलग से एक एक्सटेंशन बोर्ड खरीदना पड़ सकता है।
लेकिन आपके बिजली बोर्ड में इतने जगह खाली रहते हैं कि आप उसी में 3-4 सॉकेट और लगवा सकते हैं और ये एक्सटेंशन बोर्ड से भी ज्यादा अच्छा विकल्प होगा। इसलिए वायरिंग कराते समय ही इन छोटे-मोटे बातों का ध्यान जरूर रखें ताकि बाद में ज्यादा खर्चे से बच सकें। वायरिंग करवाते समय ही अपने इलेक्ट्रिक बोर्ड में एक से ज्यादा सॉकेट लगवा लें।
गर्मी के सीजन में आप अपने घर में electric fan का इस्तेमाल हवा पाने के लिए जरूर करते होंगे। लेकिन बहुत बार ऐसा देखा गया है कि हमारे घर में इतने ज्यादा voltage होते हैं कि पंखा चले रहने पर हमें ठंडक महसूस होने लगती है। लेकिन यदि पंखा न चलाया जाये तो हमें गर्मी भी महसूस होती है। तो ऐसे स्थिति में न तो पंखा को बंद किया जा सकता है और न ही उतने हाई वोल्टेज पर उसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस समस्या से निपटने के लिए हमें एक electronic fan regulator की जरूरत पड़ती है। इस रेगुलेटर को बिजली के बोर्ड में लगाया जाता है और इसकी खासियत ये होती है कि इसकी मदद से हमारे घर के वोल्टेज पर काबू पाया जा सकता है। हालांकि इसका इस्तेमाल बल्ब इत्यादि में भी किया जा सकता है लेकिन चूंकि इसे पंखे के लिए बनाया जाता है इसलिए इसका इस्तेमाल सिर्फ पंखे में ही करना चाहिए।
ज्यादातर लोग हाउस वायरिंग करवाते समय रेगुलेटर लगवाना जरूरी नहीं समझते हैं और वो इसे फालतू का समझते हैं। लेकिन ये बात बिल्कुल ही गलत है। बोर्ड में रेगुलेटर लगाना उतना ही जरूरी है जितना जरूरी घर में पंखा लगाना है। इसलिए जब आप अपने घर की वायरिंग करवाएं तो अपने सभी रूम के इलेक्ट्रिकल बोर्ड में रेगुलेटर जरूर लगवाएं। लेकिन एक बात का ख़ास ध्यान रहे कि रेगुलेटर की सहायता से सिर्फ वोल्टेज को कम किया जा सकता है, उसे बढाया नहीं जा सकता है।
घर में वायरिंग का सबसे जरूरी पाट MCB BOX (LDB)होता है यह वही स्थान है जिससे मीटर से आई हुई केबल (MAIN POWER CABLE)और घर में सारे (OUTGOING CABLES)आउटगोइंग वायर वायर वहीं से जाते हैं MCB BOX में से हर वायर अपना एक पॉइंट निश्चित होता है और वह लोड के हिसाब से वायर डाला जाता है जैसे लाइटिंग पॉइंट के लिए 2.5 MMका वायर इस्तेमाल में किया जाता है पावर पॉइंट के लिए 4 MMका वायर इस्तेमाल किया जाता है और एसी ,आटा पीसने की चक्की और पानी के टुल्लू पंप के लिए 6 MMका वायर इस्तेमाल में लिया जाता है
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आजकल शहरी क्षेत्रों में ELCB का प्रयोग काफी बड़ा है ईएलसीबी का प्रयोग प्रमुख हमारी सुरक्षा के लिए ही किया जाता है ईएलसीबी के प्रयोग से अगर किसी वस्तु में CURRENTलीकेज होता है तो वह ELCB को स्वतह बंद कर देता है तथा व्यक्ति को नुकसान नहीं होता या दुर्घटना होने से बच जाता है
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